श्री गोगा जी मंदिर परिचय

हमारी विरासत

आस्था, भक्ति और शाश्वत धरोहर

गोगामेड़ी मंदिर, राजस्थान के हनुमानगढ़ से लगभग 120 किमी दूर स्थित है। यह श्री गोगाजी महाराज को समर्पित सबसे प्रमुख और प्राचीन मंदिरों में से एक है — जो एक योद्धा-संत माने जाते हैं और सांपों तथा बुरी आत्माओं से रक्षा करते हैं। विक्रम संवत 1003 के आसपास चूरू जिले के डाडरेवा गांव में जन्मे गोगाजी एक प्रतिष्ठित चौहान राजपूत और गुरु गोरखनाथ के प्रमुख शिष्य थे। उनकी दिव्य उपस्थिति आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देती है।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

श्री गोगाजी का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष नवमी को राजा जेवर सिंह और रानी बच्छल देवी के घर हुआ था। जहारवीर के नाम से प्रसिद्ध गोगाजी ने चमत्कार किए और जनरक्षक के रूप में प्रसिद्ध हुए।

पारंपरिक उत्सव

हर वर्ष भाद्रपद नवमी को गोगामेड़ी मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से श्रद्धालु आते हैं और समाधि पर अगरबत्ती, नारियल और प्रार्थना अर्पित करते हैं।

मंदिर की वास्तुकला

वर्तमान संरचना को 26 जून 1911 को बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह के शासनकाल में सफेद संगमरमर में पुनर्निर्मित किया गया था। मंदिर पारंपरिक और इंडो-इस्लामिक वास्तुशिल्प शैलियों का सुंदर संगम है, जिसमें बारीकी से उकेरी गई समाधि, मूर्ति, और नरसी पांडे व भज्जू कोटवाल के चित्रण शामिल हैं।

हाल के विकास कार्य

2016 से 2019 तक, राजस्थान सरकार ने व्यापक जीर्णोद्धार कार्य किए, जिससे मंदिर की आध्यात्मिकता को बनाए रखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं में सुधार किया गया।

आज

देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित, गोगामेड़ी मंदिर हर साल 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का स्वागत करता है। यह मंदिर धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बना हुआ है, जो भारत और विदेशों से भक्तों को आकर्षित करता है।

Gogamedi Temple

हमारा मिशन

श्री गोगाजी की आध्यात्मिक शिक्षाओं और सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखना और भक्ति व आशीर्वाद के लिए एक शांतिपूर्ण स्थल प्रदान करना।

हमारा विजन

गोगामेड़ी को पारंपरिक मूल्यों के साथ आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एक वैश्विक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करना और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना।

मूल मूल्य

आध्यात्मिक ज्ञान

श्री गोगाजी की दिव्य शिक्षाओं को अनुष्ठानों, कहानियों और भक्ति के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना।

विविधता में एकता

एक पवित्र स्थल जो धर्म, जाति या क्षेत्र की सीमाओं से परे सामुदायिक सद्भाव को बढ़ावा देता है।

आस्था और चमत्कार

श्रद्धालु गोगाजी की चमत्कारी शक्ति में विश्वास करते हैं, जो आज भी अपने दिव्य हस्तक्षेप से रक्षा और उपचार करते हैं।

वैश्विक भक्ति

लाइव दर्शन, डिजिटल संपर्क और हर साल आयोजित मेले के माध्यम से लाखों लोगों को जोड़ना, जिसे 30–40 लाख श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं।